Thursday, April 17, 2008

वामपंथी आतंक की यही कलुष कथा है कि .......

उदयपुर
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ केरल के कन्नूर जिले में संघ के स्वयं सेवक की नृशंसता पूर्वक हत्या के विरोध में पहली बार संघ ने देश व्यापी चलाये गये आन्दोलन के तहत शनिवार 29 मार्च को जिला कलेक्ट्री पर आम सभा होगी। सभा के पश्चात केरल में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जायेगा। शुक्रवार को सर्वऋतु विलास स्थित संघ कार्यालय केशवनिकुंज में पहली बार बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में चित्तौड प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक श्रीवर्द्घन ने कहा कि केरल के कन्नूर जिले माक्र्सवादियों का हिंसक ताण्डव 5 से 11 मार्च तक स्वयंसेवक की नृशंसता पूर्वक की गई हत्या के विरोध में 25 से 31 मार्च देश व्यापी संघ द्वारा आन्दोलन चलाया गया। आन्दोलन में सार्वजनिक स्थान या चौराहे पर आमसभा कर आम नागरिकों तक विषय की जानकारी पहुंचाना है। कल शनिवार को उदयपुर में जिा कलेक्ट्री के बार 2 से 4 बजे तक पहली बार आम सभा होगी। श्रीवर्धन ने बताया कि गत पांच मार्च शिवरात्रि को उत्तरी केरल के माकपाई गृह जिले कन्नूर में अलग-अलग स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांच कार्यकर्त्ताओं की निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी माक्र्सवादी कम्प्यूनिस्ट पार्टी के हत्यारेकार्यकर्त्ताओं ने हत्यारे माकपाईयों ने गरीब दैनिक वेतनभोगी (लॉरी चालक, लांड्रीवर्कर, मिस्त्री इत्यादी) स्वयंसेवकों की हत्या तालिबानी हथकण्डों को अपनाते हुए पूर्व योजित रूप से की है। थलसेरी गांव के एक स्वयं सेवक श्री सत्यन जो कि एक राजमिस्त्री था को उसके कार्यस्थल से बाहर घसीटकर गर्दन घड से पूरी अलग कर दी गई तथा सिरकटे घड को उसी के घर के सामने फेंक दिया गया। एक अन्य लॉरी क्लीनर 22 वर्षीय स्वयंसेवक निखिल की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई। इसी दिन तहसील शारीरिक प्रमुख सुमेश पर हमला कर उसका बाया हाथ पूरी तरह काट कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया गया जो अभी भी जीवन व मृत्यु के बीच संघर्षरत है। शिवरात्रि के अगले दिन 6 मार्च को कुतुपरम्बा गांव के महेश की गर्दन माकपाई गुण्डों ने सरे आम घड से अलग कर दिया। इसके अगले दिन 7 मार्च को कुड्डीथेरी के सुरेश बाबू की गला रेत कर तथा इलथ्थुजा गांव के 65 वर्षीय केवी सुरेन्द्रन की तलवारों से गोदकर निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी। इन तीन घटनाओंसे एक दर्जन से अधिक स्वयंसेवक गम्भीर रूप से घायल हुए। 4॰ से अधिक स्वयंसेवकोंके घर लूटपाट कर तबाह कर दिये गये। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संध अश्रुपूरित नेत्रों से अपने स्वयंसेवकों को श्रद्घांजलि अर्पित करते हुए आहत एवं भग्न हृदय से पूरजोर शब्दों में इस कुकृत्य की भर्त्सना करता है। इन घटनाओं से बुरी तरह आहत होकर संघ समर्थकों एवं स्वयंसेवकों ने माकपा के दिल्ली मुख्यालय के सामने स्वयं शान्तिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जिसमें बडी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित थी। लोकतात्रिक तरीके से शान्तिपूर्वक किया जा रहा विरोध प्रदर्शन भी माकपाईयों को नागवार गुजरा। सीपीएम कार्यकर्त्ताओं ने नंदी ग्राम और सिंगुर की तरह असहिष्णुता का परिचय देते हुए प्रदर्शनकारियों पर पथराव किया, कुर्सियां फेंकी, लकडी के गट्टे फेंककर उन्हें उत्तेजित करने का कुत्सिय प्रयास किया। दुर्भाग्य पूर्वक वहां पर हिंसक झडपे हुई। माकपाई कहर यहीं समाप्त नहीं हुआ, वामपंथी दबाव में दिल्ली पुलिस ने दो दर्जन से अधिक लोगों के विरूद्घ मामला दर्ज किया जबकि दूसरी और एक भी माकपाई पर मामला नहीं बनाया। उलटा चोर कोतवाल को डांटे उक्ति को चरितार्थ करते हुए वामपंथियों ने दो दिन तक लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था संसद की कार्यवाही ठप्प रखी। आग में घी डालते हुए वामपंथी लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने माकपा मुख्यालय पर प्रदर्शन मामले पर बहस की वामपंथियों कीमांग उदारतापूर्वक स्वीकार कर ली जबकि भाजपा द्वारा कन्नूर हत्याकाण्ड पर बहस की मांग को राज्य का अन्दरूनी मामला बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। माकपाई आतंक का कहर संघ पर पहली बार बरपा तो ऐसा नहीं है। उत्तरी केरल का सर्वाधिक साक्षर कन्नूर जिला माकपा केरल की जन्मभूमि रहा है। अतः माकपाई उसे स्वाभाविक रूप से अपना गढ मानते है। इस जिले में 1943 से संघ कार्य प्रारम्भ हुआ। संघ के निस्वार्थ, शुद्घ सात्विक प्रेम एवं निश्छल भाव पर आधारित कार्य से आकृष्ट होकर अनेकलोग संघ की शाखाओं में आने लगे, जिनमें कई माकपा कार्यकर्त्ता भी थे। अपने अस्तित्व पर मंडराते खतरों को अनुभूत करते हुए माकपाईयों ने स्वयंसेवकों को डराना धमकाना एवं शाखा जाने से रोकने के अन्य असफल प्रयोगों का सहारा लिया। इतने से बात नहीं बनती देख 1969 में उन्होंने वीरामकृष्णन जो कि थलचेरी शाखा के मुख्य शिक्षक थे, की हत्या कर नृशंस हत्याओं का एक सिलसिला प्रारम्भ कर दिया। इस हत्या के मुख्य अभियुक्त रहे पिनाई विजयन वर्तमान में केरल राज्य इकाई केसचिव है। एक अन्य हत्या के अभियुक्त रहे केडियार बालकृष्णन केरल सरकार में गृह मंत्री है। माकपाईयों ने आज तक कन्नूर जिले में 6॰ स्वयंसेवकों की हत्या तथा सैकडों स्वयंसेवकों का अंग-भंग कर दिया गया जो अपनी आजीविका चलाने में भी असमर्थ हो गये है। साथ ही सैकडों स्वयंसेवकों को अपाहिस जीवन व्यतीत करना पड रहा है। गुजरात के कुख्यात अपराधी सोहराबुद्दीन के पुलिस कार्यवाही में मारे जाने पर गुजरात से लेकर संसद के गलियारों तक हंगामा मचाने वाले लोग तथा मानवाधिकार की वकालत करने वाले तथा कथित सामाजिक कार्यकर्त्ताआ केरल की हत्याओं पर मौन क्यों है? क्यों उन्हें सैकडों उखडे हुए परिवारों की अति पुकार सुनाई नहीं देती? वामपंथी पृष्ठभूमि के ये लोग नंदीग्राम तथासिगूर में किसान परिवारों की महिनों तक उठने वाली चीख को नहीं सुन सके? नंदीग्राम, सिंगुर से लेकर कन्नूर तक किए जा रहे वामपंथी अत्याचारों के विरूद्घ क्यों कोई आवाज नहीं उठाता? वामपंथी आतंक की यही कलुष कथा है कि वे अपने विरोध का हिंसात्मक तरीकों से दमन करते आए है। रूस चीन में पैदा हुए स्टालिन, लेनिन, माओ, माक्र्स से प्रेरणा पाने वाले ये वामपंथी भारतीय लोकतंत्र में कैसे आस्था रख सकते है। पूरे देश के सामने इनके कुकृत्यों को सामने लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्र व्यापी जन आंदोलन का प्रारम्भ किया है। इसी कडी में संघ ने पूरे देश भर में विभिन्न मुख्यालयों पर पूर्णतः शांति पूर्वक एवं लोकतात्रिक धरना प्रदर्शन तथा विचार गोष्ठियां का आयोजन किया करने का बीडा उठाया है। पत्रकार वार्ता में महानगर संघ चालक राजेन्द्र कोठारी व प्रान्त प्रचार प्रमुख परमेन्द्र दशोरा मौजूद थे। संघ क्या हैः प्रान्त सह प्रचारक श्रीवर्द्घन नेकहा कि 1925 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना रचनात्मक कार्यो में लगा हुआ है। संघ कार्य लोक सम्फ, लोक संग्रह, लोक निर्माण व लोक नियोजक। 194॰ तक संघ संगठन के कार्य में लगा हुआ था। संघ के गटकों मेंअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व भारतीय मजदूर संघ सहित 51 संगठन कार्य वर्तमान मेंएक लाख चार हजार सात सौ अठारह सेवा प्रकल्प देश भर में चल रहे है। ग्राम विकास पर पिछले दर वर्षो से कार्य किये जा रहे है।

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